रीढ़ की हड्डी की समस्याएं से छुटकारा पाना हैं, तो करें ये 4 योगासन

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जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, बहुत सारे काम अब एक ही जगह बैठकर किए जाने लगे हैं। इसी तरह पढ़ने वाले स्टूडेंट्स, दुकानदार और डेस्क डेस्क जॉब वाले लोगों को दिनभर एक ही जगह बैठे-बैठे काम करना पड़ता है। काम के दबाव के कारण न तो अपनी फिटनेस के बारे में सोचने का वक्त होता है और न ही जिम जाकर एक्सरसाइज करने का समय होता है। ऐसे में देखा गया है कि थोड़े समय बाद इन लोगों में पीठ दर्द, कमर दर्द, कंधा दर्द या कोहनी और उंगलियों का दर्द शुरू हो जाता है। इसका कारण यह है कि आप मानसिक रूप से तो एक्टिव होते हैं मगर शारीरिक रूप से बिल्कुल निष्क्रिय होते हैं। फिट रहने के लिए आपके शरीर को थोड़ी मेहनत या एक्सरसाइज करनी बहुत जरूरी है। अगर आपको अपने काम से ज्यादा समय नहीं मिलता है, तो आप घर पर या ऑफिस में ही 10 मिनट समय निकालकर कुछ आसान योगासन कर सकते हैं, जिससे आप शरीर में होने वाली इन समस्याओं से बचे रहें। इसके अलावा ये योगासन आपको शारीरिक रूप से फिट भी रखेंगे।

Gastrointestinal stromal tumors (GISTs) are clusters of overgrown cells or tumors in the gastrointestinal (GI) tract. This means that the tumors might be present in any part of the GI tract, right from the esophagus to the rectum, including the stomach and the intestines etc. One thing about the stromal tumors is that they do not occur in the functioning part of the organs, but in the various tissues that hold the various GI organs in place. These kinds of tumors in the GI tract are quite uncommon and considered as rare kinds of cancer. Majority of GISTs begin in the stomach or in the small intestine. The worst thing about this kind of cancer is that


हस्तोत्तासन करें:-


♦ हस्तोत्तासन को आप कहीं भी और कभी भी कर सकते हैं।

♦ इसे करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और हाथों को ऊपर आकाश की तरफ उठा लें।

♦ हम दोनों हाथों के पंजों को मिलाते हुए एड़ियों को ऊंचा करें और हाथों को और ऊपर की तरफ खींचें।

♦ इसके बाद एड़ियों को जमीन पर रख दें।

♦ अब हाथों को ऊपर उठाए हुए ही दाईं तरफ क्षमतानुसार घूम कर स्ट्रेच करें।

♦ फिर इसी तरह बाईं तरफ क्षमतानुसार स्ट्रेच करें।

♦ हर 3 घंटे के अंतराल पर ऐसा 2-3 बार कर लें, तो आपको कभी भी कमर और पीठ की समस्या नहीं होगी।

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सुप्त पवनमुक्तासन:-


♦ चटाई बिछाकर सीधे लेट जाएं। अपने घुटनों से टांगें मोड़ लें और उन्हें अपनी छाती के करीब लाएं।

♦ अपनी टांगों के आसपास अपनी बाहें लपेटें। चाहें तो अब आंखें भी बंद कर सकती हैं।

♦ गहरी सांस लें। इसी मुद्रा में 1 मिनट के लिए रहें।

♦ अब सांस छोड़ें और अपना सिर इतना उठाएं कि आपकी नाक घुटनों को छू सके। इस मुद्रा में 5 सेकंड तक रहें। सांस लेते हुए अब अपना सिर पीछे ले जा सकती हैं। इसे 5 बार दोहराएं।

♦ इस आसन से पेट, छोटी और बड़ी इंटेस्टाइन, लिवर, पेन्क्रियाज़, गॉलब्लैडर और पेल्विक की मांसपेशियों की खुद-ब- खुद मालिश हो जाती है।

पदसंचालनासन:-



♦ यह आसन मोटापे के इलाज में बहुत कारगर है। इसके अभ्यास से पीठ, हिप्स, टांगें, होठ, पेट और पेल्विस मजबूत होते हैं।

♦ चटाई बिछा लें और उस पर सीधी लेट जाएं। हथेलियां नीचे की तरफ हों। सामान्य रूप से सांस लें और अपनी दोनों टांगों को ऐसे हवा में चलाएं, मानो लेटे हुए साइकिल चला रही हों। इसके 10-12 राउंड्स करें।

♦ अब शवासन में आएं, यानी लेट जाएं और दो मिनट तक धीरे-धीरे सांस लें।

♦ अब उलटी दिशा में टांगों को चलाएं। इसके 10-12 राउंड्स करें।

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स्ट्रेचिंग करें:-


♦ उल्‍टी टांग को सीधी टांग के ऊपर रखें और आगे की तरफ झुक जाएं फिर महसूस करें कि कहां-कहां स्‍ट्रेच आ रहा है। फिर वापस उसी अवस्‍था में आ जाएं। फिर दूसरी तरफ से भी इस आसन को करें।

♦ अब अपनी उंगलियों को आपस में फंसाकर ऊपर ले जाइए और खींचकर रखिए। सांस भरते रहिए और वापस आ जाइए। फिर अपना उल्‍टा हाथ ऊपर ले जाइए और दूसरी साइड में झुक जाइए। ऐसा ही दूसरी साइड से भी करें।

♦ उल्टा पैर आगे ले जाइए फिर हाथ से पैरों की उंगालियों को पकड़ने की कोशिश करें। अगर नहीं पकड़ पा रहे तो पैर को पकड़ लें। फिर वापस आ जाइए। दूसरी तरफ से भी ऐसे ही करें।

घंटों तक न बैठे रहें:-

ऑफिस में बैठने का काम हो तो भी एक जगह चेयर पर घंटों तक न बैठे रहें, बल्कि बीच-बीच में टहलते रहें। हर एक-डेढ़ घंटे बाद अपनी कुर्सी से उठें और 20 कदम चलकर शरीर को थोड़ा स्ट्रेच करें और फिर बैठ जाएं। अपना सामान स्वयं ही उठाकर रखें या फिर लंच टाइम में अपने केबिन में ही टहल लें। कैसे भी 15-20 मिनट तो अवश्य निकालें अपने लिए जिसमें आप चल सकें, ताकि शरीर की कसरत हो जाए।


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